संख्या:1899/नौ-6-2006-9
मिस-05
क्रम-संख्या-213
|
रजिस्ट्रेशन
नम्बर-जी0-11/लाई-
न्यूज पेपर /91/05/-06
लाइसेन्स टू पोस्ट एट कन्सेशनल रेट
|
सरकारी गजट,
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेशीय सरकार
द्वारा
प्रकशित
असाधारण
विधायी परिशिष्ट
भाग-4
खण्ड (ख)
(परिनियत
आदेश)
लखनऊ, बुधवार,
13 सितम्बर, 2006
भादपद 22, 1928
शक सम्वत्
उत्तर प्रदेश सरकार
नगर विकास अनुभाग-6
संख्या
1899/नौ-6-2006-9
मिस-05
लखनऊ,
13 सितम्बर, 2006
अधिसूचना
प0आ0-1214
उत्तर प्रदेश
नगर निगम अधिनियम,1959
(उत्तर
प्रदेश अधिनियम संख्या
2 सन 1959)
की धारा 112-क और
उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम,1916 (उत्तर
प्रदेश अधिनियम संख्या
2 सन 1916)
की धारा 69-ख के अधीन
शक्ति
का प्रयोग करके, राज्यपाल उत्तर
प्रदेश पालिका
(केन्द्रीयित) सेवा नियमावली,
1966
में संशोधन की
दृष्टि
से 1959 के उक्त अधिनियम की धारा
540 की उपधारा
(2) और 1916 के उक्त
अधिनियम की धारा
300 की उपधारा (1)
की
अपेक्षानुसार सरकारी अधिसूचना संख्या
1438 /नौ-6-2006-9मिस-05, दिनांक
12 जुलाई,
2006
में पूर्व प्रकाशन के पश्चात निम्नलिखित नियमावली बनाते है।
उत्तर प्रदेश पालिका
(केन्द्रीयित)
सेवा (तेईसवां
संशोधन)
नियमावली, 2006 |
1- |
(1) |
यह नियमावली
उत्तर प्रदेश
पालिका
(केन्द्रीयित)
सेवा (तेईसवां
संशोधन) नियमावली,
2006 कही जायेगी। |
संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ |
|
(2) |
यह उत्तर प्रदेश में समस्त नगर निगमों ,नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों पर
लागू होगी। |
|
(3) |
यह गजट में उसके प्रकाशित
होने के दिनांक से प्रवृत्त होगी। |
नियम 3 का संशोधन |
2-उत्तर प्रदेश पालिका
(केन्द्रीयित)
सेवा नियमावली,
1966 जिसे आगे उक्त
नियमावली, कहा गया है,
में नीचे स्तम्भ-1
में दिये गये
नियम
3 के उपनियम
(1) के स्थान पर स्तम्भ-2 मे दिया गया नियम रख दिया जाएगा,
अर्थात:- |
|
स्तम्भ-1
विद्यमान नियम |
स्तम्भ-2
एतद्द्वारा
प्रतिस्थापित नियम |
|
केन्द्रीयित
सेवाओं का बनाया जाना-
निम्नलिखित केन्द्रीयित
सेवायें होंगी
और सेवाओं में उनके सामने उल्लिखित पद होंगे-
(1) उत्तर प्रदेश
पालिका प्राशासनिक
(प्रवर)
सेवा
(एक) नगर निगमों के उन नगरधिकारीः
(दो) नगर
निगमों
के सहायक नगराधिकारीः
(तीन) श्रेणी-एक
की नगर पालिका परिषदों के अधिशासी अधिकारीः
(चार) श्रेणी-2
की नगर पालिका परिषदों के अधिशासी अधिकारी;
(पाँच) नगर निगम, कानपुर के अनुभागीय अधिकारी।
|
केन्द्रीयित
सेवाओ का बनाया जाना-
निम्नलिखित केन्द्रीयित सेवायें होगी और सेवाओं मे उनके सामने उल्लिखित पद होंगे-
(1) उत्तर प्रदेश पालिका प्रशासनिक (प्रवर) सेवा
(एक) नगर निगमों के अपर नगर आयुक्त
;
(दो) नगर निगमों के उप नगर आयुक्त;
(तीन) नगर निगमों के सहायक नगर आयुक्त
;
(चार) श्रेणी-एक
की नगर पालिका परिषदों के अधिशासी अधिकारी;
(पाँच) श्रेणी-2
की नगर पालिका परिषदों के अधिशासी अधिकारी;
(छ:) नगर निगम, कानपुर के अनुभागीय अधिकारी।
|
नियम
9 का
संशोधन |
3 - उक्त
नियमावली में नीचे स्तम्भ-1 में दिये गये नियम 9 के
स्थान पर स्तम्भ-2 में दिया गया
नियम रख दिया जाएगा,
अर्थात:- |
|
स्तम्भ-1
विद्यमान नियम |
स्तम्भ-2
एतद्द्वारा
प्रतिस्थापित नियम |
|
9- आयु- केन्द्रीयित
सेवाओं में किसी पद पर सीधी भर्ती
के लिये यह आवश्यक है कि
अभ्यर्थी
ने इस वर्ष
के,
जिसमें भर्ती
की जाय, अगले अनुवर्ती
वर्ष की पहली
जनवरी को 21
वर्ष
की आयु पूरी कर ली हो या 32
वर्ष
की आयु न पूरी की होः
प्रतिबंध यह है कि-
-
किसी
ऐसे
व्यक्ति
की दशा में, जिसने किसी भी
केन्द्रीयित
सेवा अथवा पालिका मे एक वर्ष
या उससे अधिक की सेवा कर ली हों, अधिकतम आयु निरन्तर सेवा अथवा
सात वर्ष की अवधि, इसमें जो भी कम हो, की सीमा तक अधिक होगी।
-
यदि कोई अभ्यर्थी ने अपनी
आयु के आधार पर किसी ऐसे वर्ष में चयन में उपस्थित होने के लिये हकदार
होता,जिसमें कोई चयन किया गया हो तो वह अपनी आयु के आधार पर अगले
अनुवर्ती चयन
में
उपस्थित होने के लिये हकदार समझा जायेगा।
-
अनुसूचित जातियों,
अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछ्ड़े
वर्गो
के
अभ्यार्थियों की दशा में
अधिकतम आयु सीमा
पॉच वर्ष अधिक होगी।
-
राज्य सरकार किसी सामान्य
या
विशेष आदेश
द्वारा
इस नियम में विहित अधिकतम आयु सीमा को, किसी
अभ्याथियों के वर्ग के पक्ष में
शिथिल
कर सकती है। यदि वह उचित व्यवहार के हित में या
लोकहित में
ऐसा
करना आवश्यक समझे।
-
उक्त नियमावली में नीचे स्तम्भ-1 में दिये गये नियम-43 के स्थान पर
स्तम्भ-2 में दिया गया नियम रख दिया जाएगा, अर्थात-
|
9-आयु-केन्द्रीयित सेवाओं में किसी पद पर सीधी
भर्ती के लिये यह आवश्यक है कि
अभ्यर्थी
ने उस वर्ष के, जिसमें भर्ती की जाय, अगले
अनुवर्ती वर्ष की पहली जनवरी को
21 वर्ष से अधिक आयु न प्राप्त की होः
प्रतिबन्ध यह है कि-
-
किसी
ऐसे व्यक्ति की दशा में, जिसने किसी भी केन्द्रीयित सेवा अथवा
पालिका में एक वर्ष या उससे अधिक कर ली हो, अधिकतम आयु
निरन्तर सेवा अथवा सात वर्ष की अवधि, इसमें जो भी कम हो, की सीमा तक होगी।
-
यदि कोई अभ्यर्थी
अपनी आयु के आधार पर किसी ऐसे वर्ष में चयन में
उपस्थित होने कि लिये हकदार होता,जिसमें कोई चयन नहीं किया गया हो तो वह अपनी
आयु के आधार पर अगले अनुवर्ती चयन में उपस्थित होने के लिये हकदार समझा जायेगा।
-
अनुसूचित जातियों,
अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछ्ड़े
वर्गो
के
अभ्यार्थियों की दशा में
अधिकतम आयु सीमा
पॉच वर्ष अधिक होगी।
-
राज्य सरकार किसी सामान्य
या
विशेष आदेश
द्वारा
इस नियम में विहित अधिकतम आयु सीमा को, किसी
अभ्याथियों के वर्ग के पक्ष में
शिथिल
कर सकती है। यदि वह उचित व्यवहार के हित में या
लोकहित में
ऐसा
करना आवश्यक समझे।
-
उक्त नियमावली में नीचे स्तम्भ-1 में दिये गये नियम-43 के स्थान पर
स्तम्भ-2 में दिया गया नियम रख दिया जाएगा, अर्थात-
|
4 -उक्त
नियमावली में नीचे स्तम्भ-1 में दिये गये नियम-43 के स्थान पर स्तम्भ-2 में
दिया गया नियम रख दिया जाएगा, अर्थात:- |
नियम 43 का संशोधन |
स्तम्भ-1
विद्यमान नियम |
स्तम्भ-2
एतद्द्वारा
प्रतिस्थापित नियम |
43-पालिका पर्वतीय उप संवर्ग का गठन-
1 इस नियमावली में किसी बात के होते हुए भी अनुसूची-4 के स्तम्भ-1 में उल्लिखित
केन्द्रीयित सेवा का एक पृथक पालिका पर्वतीय उप संवर्ग होगा जिसमें उसके स्तम्भ-2
में उनके सामने उल्लिखित पद होंगे।
2 ऐसे पदों के पदधारी
उक्त
उप संवर्ग में उनके आवंटन के पश्चात नियम-44 के अनुसार पर्वतीय जिलों अथरत
अल्मोड़ा,चमोली,देहरादून,नैनीताल,पौड़ी गढवाल,टेहरी गढवाल, उधमसिंह, नगर,
पिथौरागढ़
उत्तरकाशी के बाहर स्थानान्तरित होने के दायी नही होंगे।
3 उपनियम
(1)
में निर्दिष्ट
प्रत्येक केन्द्रीयित सेवा की पालिका पर्वतीय उप संवर्ग की सदस्य संख्या उतनी होगी
जितनी सरकार समय-समय पर सामान्य या
विशेष
आदेश
द्वारा
नियत करे। |
43-पालिका मण्ड्लीय उप संवर्ग का गठन-
1 इस नियमावली में किसी बात के होते हुए भी पालिकाओ अर्थात
नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों एवं नगर
पंचायतों में एक पृथक पालिका मण्ड्लीय उप संवर्ग होगा, जिसमें अनुसूची-4 के
स्तम्भ-3 में उल्लिखित पद होंगे।
2 ऐसे पदों के पदधारी मण्ड्लों के अंदर की
्रसमान पद तथा वेतनमान में
स्थानान्तरित किये जाने के दायित्व के अधीन होंगे।
3 उपनियम 1 में
निर्दिष्ट
प्रत्येक केन्द्रीयित सेवा की पालिका
मण्ड्लीय उप संवर्ग में सदस्य संख्या उतनी होगी जितनी राज्य सरकार
द्वारा
समय-समय पर अवधारित की जायः
परन्तु पदों की संख्या वर्तमान में विद्यमान पदों से अन्यून नही होगी।
|
5-
उक्त नियमावली में नीचे स्तम्भ-1 मे दिये गये नियम-44 के स्थान पर स्तम्भ-2 में
दिया गया नियम रख दिया जाएगा,अर्थात- |
नियम 44 का संशोधन |
स्तम्भ-1
विद्यमान नियम |
स्तम्भ-2
एतद्द्वारा
प्रतिस्थापित नियम |
44-सेवा के सदस्यों का पालिका पर्वतीय उप संवर्ग को आवंटन-1 अनुसूची चार के
स्मम्भ-2 में उल्लिखित पदों पर सेवा कर रहे केन्द्रीयित
सेवा के वर्तमान
सदस्यों से उत्तर प्रदेश पालिका केन्द्रीयित सेवा
संशोधन नियमावली,
1996 के प्रारम्भ होने के दिनांक से तीन मास के भीतर
नियुक्त
प्राधिकारी
द्वारा
यह अपेक्षा की जायेगी कि वे पालिका पर्वतीय उप संवर्ग में आवंटन के लिये या सामान्य
वर्ग में बने रहने के लिए अपने विकल्प का प्रयोग करें। |
44- सेवा के सदस्यों का पालिका मण्ड्लीय उप-संवर्ग को आवंटन-इस नियमावली के
प्रारम्भ होने के
ठीक
पूर्व अनुसूची-4 में निर्दिष्ट पदों पर
नियुक्त
कर्मचारियों ,जिनके अन्तर्गत अधिकारी भी हैं का
संविलियन या उनकी सेवाओं की समाप्ति नियम-6 के उपनियम
7 से नियंत्रित
होगी। |
|
स्तम्भ-1
विद्यमान नियम |
स्तम्भ-2
एतद्द्वारा
प्रतिस्थापित नियम |
2 एक बार दिया गया विकल्प अन्तिम और अप्रतिसंहरणीय होगा।
3 यदि उपनियम
1 में विनिर्दिष्ट समय के भीतर विकल्प का प्रयोग न किया जाय तो यह समझा जायेगा कि
केन्द्रीयित सेवा का सदस्य सामान्य संवर्ग में रहना चाहता है और अपना आवंटन पालिका
पर्वतीय उप-संवर्ग में नहीं चाहता।
4 नियुक्त पदाधिकारी
ऐसे
व्यक्तियों
की जिन्होंने पालिका पर्वतीय उप- संवर्ग
में आवंटन के लिए अपने विकल्प का प्रयोग किया है, केन्द्रीयित सेवाओं में उनकी
ज्येष्ठता
के अनुसार एक सूची तैयार करेगा।
5 पालिका
पर्वतीय
उप- संवर्ग में व्यक्तियों का आवंटन
नियुक्त प्राधिकारी
द्वारा
उस क्रम में किया जाएगा जिस क्रम में उनके
नाम उपनियम-4 के अधीन तैयार की गयी सूची में आये हों और यदि
ऐसी
सूची में व्यक्तियों की संख्या पदों की
संख्या से अधिक हो ता पदों की संख्या से अधिक व्यक्तियों की एक प्रतीक्षा सूची
तैयार की जाएगी और जब कभी पालिका पर्वतीय उप-संवर्ग में कोई
रिक्ति
हो उनका उथ्त उप-संवर्ग में
आवंटन
किया जायेगाः
परन्तु जब तक इस नियमावली के अनुसार पदों को भरा नहीं जाता है तब तक पदों को
सामान्य वर्ग से स्थानान्तरण
द्वारा
भरा जायेगा। |
|
नियम 45 का संशोधन |
6- उक्त
नियमावली में नीचे स्तम्भ -1 में
दिये गये नियम
45 के स्थान पर स्तम्भ-2 में दिया गया नियम रख दिया जाएगा, अर्थात- |
स्तम्भ-1
विद्यमान नियम |
स्तम्भ-2
एतद्द्वारा
प्रतिस्थापित नियम |
45-पालिका पर्वतीय उप-संवर्ग में भर्ती-
पालिका पर्वतीय उप-संवर्ग में पदों पर भर्ती
यथास्थिति सीधी भर्ती द्वारा या पदोन्नति द्वारा इस नियमावल के अनुसार की जायेगीः
परन्तु जहॉ
पालिका पर्वतीय उप-संवर्ग में आने वाले किसी पद पर भर्ती पदोन्नति द्वारा की जानी
हो तो पालिका पर्वतीय उप-संवर्ग के
सदस्यों
की पृथक पात्रता सूची तैयार की जायेगी और उससे भर्ती की जायेगी। |
45-पालिका मण्ड्लीय उप-संवर्ग में भर्ती-
मण्डलीय उप-संवर्ग में भर्ती की रीति
निम्न प्रकार होगीः-
(1) भर्ती
की रीति-पालिका मण्ड्लीय उप-संवर्ग के प्रत्येक संवर्ग के पदों पर
भर्ती की रीति वही होगी जो
अनुसूची-4 के स्तम्भ-5 में उसके सामने उल्लिखित की गयी है।
(2) अर्हता-पालिका
मण्ड्लीय उप-संवर्ग के विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए
अर्हताऍ
वही |
स्तम्भ-1 |
स्तम्भ-2 |
विद्यमान नियम |
एतद्द्वारा
प्रतिस्थापित नियम |
|
होगी जो अनुसूची-4 के स्तम्भ-4 में उल्लिखित की गयी
है अथवा जैसी राज्य सरकार द्वारा समय -समय पर विहित की जाय।
3 पात्रता
सूची-पालिका मण्ड्लीय उपसंवर्ग मे पदों पर भर्ती
यथास्थिति
सीधी भर्ती द्वारा या पदोन्नति द्वारा इस नियमावली के अनुसार की जायेगीः
परन्तु यदि पालिका मण्ड्लीय उप-संवर्ग में
भार्ती पदोंन्नति द्वारा की जाती
है तो ऐसे उप-संवर्ग के सदस्यों की पात्रता सूची नियुक्त प्राधिकारी द्वारा तैयार
की जाएगी और उससे भर्ती की जाएगी।
4 आयु-पालिका मण्ड्लीय उप-संवर्ग के किसी पद पर सीधी भर्ती के निमित्त
अभ्यर्थी
की
आयु,
जिस वर्ष प्राथना-पत्र मांगे जायें,
उस वर्ष की पहली जनवरी, को 18
वर्ष से कम और 35 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए अथवा जैसा राज्य सरकार
द्वारा समय-समय पर निर्धारित की जाय।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं
अन्य पिछड़े वर्गो के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयु सीमा 5 वर्ष अधिक होगी
अथवा ऐसी होगी जैसा राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर विनिश्चित की जाय।
(5) सीधी भर्ती के लिए प्रक्रिया:-
(1) रिक्तियों की सूची—
(क) नगर आयुक्त या अधिशासी अधिकारी, पालिका में सृजित पदों के सापेक्ष समस्त
रिक्तियों की एक सूची प्रतिवर्ष अक्टूबर तक तैयार करेगा और इसे चयन समिति के
अध्यक्ष को प्रेषित करेगा।
(ख) यदि पालिका में सृजित किसी रिक्त पद पर अनुसूची-4 के अनुसार सीधी भर्ती
द्वारा की जानी हो, तो चयन समिति का अध्यक्ष दैनिक समाचार पत्रों में रिक्तियों
को अधिसूचित करके प्रार्थना-पत्र आमंत्रित करेगा।
(ग) अध्यक्ष, चयन समिति के निर्देश पर संबंधित स्थानीय निकाय द्वारा संबंधित
स्थानीय क्षेत्र में प्रसारित होने वाले क्रम से कम दो सामाचार पत्रों में भी
रिक्तियां अधिसूचित की जायेंगी।
(2) चयन समिति का गठन—
सीधी भर्ती चयन समिति, जिसे आगे समिति कहा गया है, की सिफारिश पर की जायेगी।
जिसका गठन निम्नवत् किया जायेगा:—
(क) निदेशक, स्थानीय निकाय, उत्तर प्रदेश
-अध्यक्ष
|
स्तम्भ-1 |
स्तम्भ-2 |
विद्यमान नियम |
एतद्द्वारा
प्रतिस्थापित नियम |
|
(दो) साक्षात्कार में अंकों की
गणना-
अभ्यार्थियों की समिति के अध्यक्ष और सदस्यों द्वारा उसके लिये नियत किये गये
अधिकतम अंकों में से पृथक-पृथक रूप से अंक दिये
जायेंगे। इस प्रकार अभयर्थी
द्वारा प्राप्त किये गये अंकों का विनिचय समिति के सदस्यों और अध्यक्ष द्वारा
दिये गये अंकों के औसत के आधार पर किया जाएगा।
9- अनुमोदित सूची—
(एक) अभ्यर्थी द्वारा लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों को सारिणीबद्ध किये जाने
के पश्चात समिति का अध्यक्ष उतनी संख्या में अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के
लिये बुलायेगा, जिन्होंने लिखित परीक्षा में सेवा के लिये अपनी उपयुक्तता
प्रदर्शित की है। प्रत्येक अभ्यर्थी को साक्षात्कार में प्रदान किये गये अंकों
को उसके द्वारा लिखित परीक्षा में प्राप्त किये गये अंको में जोड़ दिया जायेगा
और योग्यता-क्रम का अवधारण दोनों के योग पर किया जायेगा।
(दो) समिति,
अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गो के लिये रिक्तियों
के आरक्षण से संबंधित उपबंधों के अधीन रहते हुए अभ्यर्थियों की सूची अधिमान
क्रम में तैयार करेगी और उसे नियुक्ति प्राधिकारी को अग्रसारित करेगी। इस सूची
अधिमान क्रम में तैयार करेगी और उसे नियुक्ति प्राधिकारी को अग्रसरित करेगी। इस
सूची में नामों की संख्या घोषित रिक्तियों की संख्या में कुछ अधिक होगी।
10- पदोन्नति की
प्रक्रिया—
पदोन्नति द्वारा भर्ती चयन समिति के माध्यम से सेवा के ठीक निम्न पद क्रम के
पात्र कर्मचारियों में से ज्येष्ठता के आधार पर, अनुपयुक्त में से ज्येष्ठता के
आधार पर, अनुपयुक्त को अस्वीकार करते हुए की जायेगी और इस प्रयोजन के लिए
कर्मचारियों की
पात्रता सूची नियम 20 के उपनियम (2) में दी गयी रीति से तैयार की
जायेगी।
11-
नियुक्तियां—नियुक्ति प्राधिकारी खण्ड (9) के अधीन तैयार की गयी सूची में से
सीधी भर्ती द्वारा तथा खण्ड (10) के अधीन तैयार सूची में से पदोन्नति द्वारा
नियुक्त करेगा। |
स्तम्भ-1 |
स्तम्भ-2 |
विद्यमान नियम |
एतद्द्वारा
प्रतिस्थापित नियम |
|
12- नियुक्ति तथा
स्थानात्तरण की शक्ति— अधिशासी अधिकारी/नगर आयुक्त या
राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत कोई अधिकारी पालिका मण्डलीय उप-संवर्ग
के कर्मचारियों का नियुक्ति प्राधिकारी होगा। मण्डलीय अपर निदेशक या राज्य
सरकार द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत किसी अधिकारी को नियम 43 के उप नियम (2) के
अधीन स्थानान्तरणों की शक्तियां होंगी। |
नियम 46 का संशोधन |
7- उक्त नियमाबली में, नीचे स्तम्भ-1 में दिये गये
नियम-46 के स्थान पर स्तम्भ-2 में दिया गया नियम रख दिया जायेगा, अर्थात:- |
|
स्तम्भ-1
विद्यमान नियम |
स्तम्भ-2
एतद्द्वारा
प्रतिस्थापित नियम |
|
46-पालिका पर्वतीय उप-संवर्ग के व्यक्तियों
की ज्येष्ठता—पालिका पर्वतीय उप-संवर्ग की किसी सेवा में
मौलिक रूप में नियुक्त व्यक्तियों की ज्येष्ठता इस नियमावली के अनुसार अवधारित
की जाएगी। |
46- ज्येष्ठता- पालिका मण्डलीय उप-संवर्ग के
व्यक्तियों की ज्येष्ठता मौलिक नियुक्ति के दिनांक से अवधारित की जायेगी:
परन्तु यदि दो या उससे अधिक अभ्यर्थियों की नियुक्ति एक ही दिनांक से की जाय,
तो उनकी ज्येष्ठता का अवधारण उस क्रम में किया जायेगा, जिस क्रम में उनके नाम
नियम 45 के उपनियम (9) तथा (10) के अधीन तैयार की गयी सूची में आएं हों। |
अनुसूची-एक का संशोधन |
8- उक्त नियमावली
की अनुसूची-1 में नीचे स्तम्भ-1 में दी गयी क्रम संख्या-1 के स्थान पर स्तम्भ-2
में दिया गया क्रम रख दिया जाएगा, अर्थात:- |
|
|
|
|
|
स्तम्भ-1
विद्यमान
अनुसूची
अनुसूची-एक
[नियम 6 (1) (एक) देखिए] |
स्तम्भ-2
एतद्द्वारा
प्रतिस्थापित
अनुसूची
अनुसूची-एक
[नियम 6 (1) (एक) देखिए] |
|
|
|
|
केन्द्रीयित सेवा का नाम |
पदनाम |
केन्द्रीयित सेवा का नाम |
पदनाम |
1- उत्तर प्रदेश पालिका प्रगशासनिक (प्रवर)
सेवा |
नगर निगमों के उप नगर अधिकारी |
1- उत्तर प्रदेश पालिका प्रशासनिक (प्रवर)
सेवा |
निगमों के अपर नगर आयुक्त, निगमों के उप नगर
आयुक्त। |
|
आज्ञा से,
अमल कुमार वर्मा,
प्रमुख सचिव। |
अनुसूची-4
पालिका मण्डलीय उप-संवर्ग |
संवर्ग का नाम |
क्रम-संख्या |
पद का नाम |
शैक्षिक अर्हता |
भर्ती की रीति |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
पालिका मण्डलीय राजस्व सेवा |
1 |
नगर पालिका श्रेणी-4 के ज्येष्ठ कर एवं राजस्व निरीक्षक |
1- मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक
2- पदोन्नति हेतु क्रमांक-2 के पद का 5 वर्ष का अनुभव |
क्रमांक 2 से प्रोन्नति द्वारा |
|
2 |
नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों के टैक्स
कलेक्टर, अमीन, जिलेदार |
1- सीधी भर्ती हेतु मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक
2-पदोन्नति हेतु क्रमांक-3 के पद को 5 वर्ष का अनुभव |
50 प्रतिशत सीधी भर्ती तथा
50 प्रतिशत क्रमांक-3 से पदोन्नति द्वारा |
|
3 |
नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में कर एवं
राजस्व मोहर्रिर, कर समाहर्ता |
1- किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक
2- स्तम्भ 4 के पद का 5 वर्ष का अनुभव
3- कम्प्यूटर ज्ञान की अधिमानी |
50 प्रतिशत सीधी भर्ती तथा
50 प्रतिशत क्रमांक-4 से
पदोन्नति द्वारा |
|
4 |
नगर निगमों के नायब मोहर्रिर, नायब पाउण्ड मोहर्रिर, नायब
स्लाटर हाउस मोहर्रिर और नगर पालिका परिषद के नायब कर ओर राजस्व मोहर्रिर, कर
समाहर्ता, अमीन एवं नगर पंचायतों के नायब कर एवं राजस्व मोहर्रिर |
1- इण्टरमीडिएट या समकक्ष
2- कम्प्यूटर ज्ञान की अधिमानी |
सीधी भर्ती द्वारा |
पालिका मण्डलीय अभियन्त्रण
सेवाएं |
1 |
नगर निगमों के प्रकाश निरीक्षक, सीनियर इलेक्ट्रीशियन, सीनियर
मैकेनिक, हैडफिटर, फोरमैन (वर्कशाप) तथा नगर पालिकाओं के
प्रकाश अधिक्षक |
आई0 टी0 आई0 प्रशिक्षण |
क्रमांक-3 से पदोन्नति द्वारा |
|
2 |
नगर निगमों के फोरमैन |
मान्यता प्राप्त प्राविधिक संस्थान से मैकेनिकल/इलेक्ट्रिकल
आटोमोबाइल में डिप्लोमा या समकक्ष |
50 प्रतिशत सीधी भर्ती तथा
50 प्रतिशत क्रमांक-3 से पदोन्नति द्वारा |
|
3 |
नगर पालिकाओं और नगर निगमों के प्रधान फिटर, फोरमैन, वर्कशाप
मैकेनिक एवं नगर पालिकाओं के प्रकाश निरीक्षक |
राज्य के मान्यता प्राप्त संस्थाओं से आई0टी0आई0 प्रशिक्षण या
समकक्ष |
क्रमांक-4 से पदोन्नति द्वारा |
|
4 |
नगर पालिकाओं और नगर निगमों के बढ़ई, लोहार, लाईटिंग मिस्त्री
सीनियर लाईनमैन, इलेट्रिशियन, वायरमैन, वेल्डर और मैकेनिक |
राज्य के मान्यता प्राप्त संस्थाओं से आई0टी0आई0 प्रशिक्षण या
समकक्ष |
50 प्रतिशत सीधी भर्ती तथा
50 प्रतिशत क्रमांक-5 से पदोन्नति द्वारा |
|
5 |
नगर निगमों और नगर पालिकाओं के इलेक्ट्रिशियन, लाईनमैन, बढ़ई,
लोहार |
राज्य के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान से आई0टी0आई0 प्रशिक्षण या
समकक्ष |
सीधी भर्ती द्वारा |
पालिका मण्डलीय लिपिक वर्गीय सेवाएं |
1 |
नगर निगमों के प्रधान लिपिक |
इण्टरमीडिएट या समकक्ष, हिन्दी टंकण- 25 शब्द प्रति मिनट,
अंग्रेजी टंकण और कम्प्यूटर का ज्ञान अधिमानी है |
क्रमांक-2 से पदोन्नति द्वारा |
|
2 |
नगर पालिकाओं और नगर निगमों के वरिष्ठ लेखालिपिक, लेखालिपिक,
प्रथम श्रेणी लिपिक, जन्म-मृत्यु लिपिक, वरिष्ठ लिपिक, विभागीय वाचन लिपिक,
प्रधान लिपिक श्रेणी-2 और टंकक श्रेणी-1 |
इण्टरमीडिएट या समकक्ष, हिन्दी टंकण- 25 शब्द प्रति मिनट,
अंग्रेजी टंकण और कम्प्यूटर का ज्ञान अधिमानी है |
क्रमांक-3 से पदोन्नति द्वारा |
|
3 |
नगर पालिकाओं ओर नगर निगमों के लिपिक श्रेणी-2, टंकक, स्टोर
कीपर, कनिष्ठ लिपिक, रिकार्ड कीपर, टंकक, लेखा लिपिक, कैशियर, नगर पंचायतों के
प्रधान लिपिक |
इण्टरमीडिएट या समकक्ष, हिन्दी टंकण- 25 शब्द प्रति मिनट,
अंग्रेजी टंकण और कम्प्यूटर का ज्ञान अधिमानी है |
80 प्रतिशत सीधी भर्ती द्वारा तथा 20 प्रतिशत
चतुर्थ श्रेणी से
पदोन्नति द्वारा |
पालिका मण्डलीय लोक स्वास्थ्य सेवाएं |
1 |
नगर निगमों के वैक्सीनेटर |
बैक्सीनेशन में प्रशिक्षण सहित इण्टरमीडिएट |
सीधी भर्ती द्वारा |
|
2 |
नगर पलिका परिषदों के वैक्सीनेटर |
वैक्सीनेशन में प्रशिक्षण सहित इण्टरमीडिएट |
सीधी भर्ती द्वारा |
पालिका मण्डलीय आशु लिपिक सेवाएं |
1 |
नगर निगामों और नगर पालिकाओं के आशुलिपिक |
हिन्दी आशुलिपि में प्रति मिनट न्यूनतम 80 शब्दों की गति और
टंकण में प्रति मिनट 25 शब्दों की गति के साथ आशुलिपि और टंकण में डिप्लोमा
सहित इण्टरमीडिएट या समकक्ष |
50 प्रतिशत सीधी भर्ती द्वारा तथा 50 प्रतिशत लिपिकीय श्रेणी से
पदोन्नति द्वारा |
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