वित्त लेखा. अनुभाग-2
लखनऊ, दिनांक
25 मई,1987
कार्यालय-ज्ञाप
विषय:- अधिकारों का प्रतिनिधायन-अस्थाई पदों का स्थाईकरण।
वर्तमान प्रक्रियानुसार अस्थाई पदों के स्थाईकरण के आदेश प्रशासकीय द्वारा
प्रस्ताव के गुणावगुण के आधार पर परीक्षणोपरान्त वित्त विभाग की सहमति से निर्गत
किये जाते हैं। अधोहस्ताक्षरी को अब यह कहने का निदेश हुआ है कि कार्य में दक्षता
लाने तथा अधिकाधिक पदों को स्थाई किये जाने के उद्देश्य से सम्यक् विचारोपरान्त
शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि निम्नलिखित प्रतिबन्धों के अधीन अस्थाई पदों
को स्थाई करने के अधिकार प्रशासनिक
विभागों को तत्कालिक प्रभाव से प्रतिनिहित कर
दिये जाएं:-
(1) प्रश्नगत पद किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिये या किसी नियत अवधि के
लिये सृजित न किये हों। उदाहरणास्वरूप उनका सृजन केन्द्रीय आयोजनागत योजनाओं तथा
केन्द्र द्वारा पुरोनिधारित योजनाओं के अन्तर्गत न किया गया हो।
(2) जिस कार्य या कार्यालय के लिये प्रश्चगत पद सृजित अवधि के लिये सृजित किया
गया हो वह स्थाई प्रकार का ही तथा उसके संबंध में प्रशासकीय विभाग संतुष्ट हों कि
यह भविष्य में निरन्तर चलता रहेगा।
(3) स्थाईकरण के दिनांक से कम से कम ३ वर्ष पूर्व वित्त विभाग की सहमति से पद का
सृजन किया गया हो और वर्षानुवर्ष उसकी निरन्तरता की शासकीय स्वीकृति सक्षम अधिकारी
द्वारा दी जाती रही हो।
(4) प्रश्चगत पद
6 माह अथवा उससे अधिक अवधि से रिक्त न हो।
(5) पद के पदनाम एवं उसके वेतनमान के संबंध में प्रशासकीय विभाग द्वारा यह
सुनिश्चित कर लिया गया हो कि उसका पदनाम और वेतमान सही हो तथा वह वित्त विभाग की
सहमति से निर्धारित किये गये हों।
(6) स्थाई किये जाने वाले पद की भविष्य में फालत् होने की कोई संभावना न हो तथा
प्रशासकीय विभाग पूर्ण रूप से संतुष्ट हों कि प्रश्चगत पद का स्थाईकरण कार्यभार तथा
निर्धारित मापदण्ड
(यदि कोई हो) के आधार पर पूर्ण रूप से औचित्यपूर्ण है।
(7) स्थाई किया जाने वाला पद किसी स्थाई पद को आस्थगित रखकर सृजित न किया गया हो।
(8) प्रशासकीय विभाग द्वारा पद सृजन के मूल आदेश तथा उसकी निरन्तरता के आदेश
देखकर यह सुनिश्चित कर लिया गया हो कि मामले में कोई विसंगति नहीं है।
2- प्रशासकीय विभाग कृपया अनिवार्य रूप से यह भी सुनिश्चत करेंगे कि सम्बन्धित
अधिकारी विभागीय सचिव के अनुमोदन के लिये प्रस्ताव करने से पहले इस आशय का
प्रमाण-पत्र दे कि आदेशार्थ प्रस्तुत स्थाईकरण प्रस्ताव के सम्बन्ध में उपर्युक्त
सभी आठों शर्तें पूरी हो जाती है।
3- सुविधा के लिये पदों के स्थायीकरण के आदेश निर्गत किये जाने वाले आदेश का
प्रारूप संलग्न है।
4- पदों के स्थाईकरण के अन्य प्रस्ताव जिनमें उपरोक्त शर्तें न पूरी होती हों,
वित्त विभाग को पूर्ववत् सहमति हेतु संदर्भित किये जायेंगे।
सोम दत्त त्यागी,
विशेष सचिव।
शासन के समस्त सचिव
एवं विशेष सचिव।