संख्याः यू.ओ.
123/11-6-80 9
प्रेषक,
अखण्ड प्रताप सिंह,
सचिव,
उत्तर प्रदेश शासन।
सेवा में,
समस्त जिला मजिस्ट्रेट,
उत्तर प्रदेश।
नगर विकास अनुभाग-6
लखनऊ, दिनांक,
6 दिसम्बर, 1986
विषयः नगर पालिकाओं का वर्गीकरण
महोदय,
उपर्युक्त विषय पर शासनदेश संख्या
308/11-3-78-243 मिस़/77, दिनांक
1 फरवरी, 1978
का अतिक्रमण
करते हुए मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि संदभ्रित शासनदेश में निर्धारित मापदण्डों
में समय के साथ परिवर्तन किया जाना वांछ्नीय है। परन्तु इस विषय पर गम्भीरता पूर्वक
विचार करने के पश्चात शासन ने यह निर्णय लिया है कि नगर पालिकाओं का वर्गीकरण करते
समय निम्नलिखित मापदण्ड अपनाये जायें:-
नगरपालिकाओं की श्रेणी |
पालिका की वार्षिक आय
|
मैदानी क्षेत्र
की जनसंख्या
|
पर्वतीय क्षेत्र की जनसंख्या
|
प्रथम श्रेणी |
50 लाख रूपये से पर |
एक लाख से पर |
50 हजार से पर |
द्वितीय
श्रेणी |
30 लाख रूपये से अधिक तथा 50 लाख रू. तक |
75 हजार से अधिक तथा एक लाख से कम |
35 हजार से अधिक तथा 50 हजार तक |
तृतीय श्रेणी |
10 लाख रू. से अधिक तथा
30 लाख रू. तक
|
50 हजार से अधिक तथा 75 हजार तक |
25 हजार से अधिक तथा
35 हजार तक |
चतुर्थ श्रेणी |
5 लाख रू. से अधिक तथा
10 लाख रूपये तक |
40 हजार से अधिक तथा 50 हजार तक
|
20 हजार तक |
-
इस संबंध में मुझे यह भी कहना हैं कि उपरोक्त
वर्गीकरण के मापदण्ड् की शर्त के साथ-साथ किसी भी जिला मुख्यालय की नगरपालिका को
द्वितीय
श्रेणी तथा तहसील मुख्यालय की नगर पालिका को चतुर्थ श्रेणी से कम न रखा जाये। नगर
पालिका का
वर्गोत्थान
करते समय उस स्थान की
ऐतिहासिक,
धार्मिक पर्यटन एवं औद्योगिक महत्ता,
संबंधित नगरपालिका की वित्तीय
स्थिति संतोषजनक है या नहीं तथा वह अपने दायित्वों का पूर्णरूपेण
निर्वहन एवं शासकीय ऋणों की किस्तों का भुगतान नियमानुसार कर रही है या नहीं, को भी
ध्यान में रखा जायेगा तथा उपरोक्त मापदण्ड में तदनुसार
शिथिलता
प्रदान करने हेतु शासन द्वारा विचार कर निर्णय लिया जायेगा।
-
यह आदेश निर्गत होने की तिथि से प्रभावी होंगे।
-
शासन ने यह भी निर्णीत
किया है कि जिन नगरपालिकाओं का भी वर्गीकरण इस शासनादेश के जारी होने के पूर्व किया
जा चुका है उनकी स्थिति में इस शासकीय आदेश द्वारा निर्धारित नीति के आधार पर कोई
परिवर्तन नहीं किया जायेगा, अर्थात उनका वर्गीकरण पूर्ववत बना रहेगा। केवल भविष्य
में आवश्यकतानुसार नगर पालिकाओं के वर्गीकरण के सम्बन्ध में इस शासनादेश के
प्राविधान प्रभावी होंगे।
भवदीय, |
ह. |
अखण्ड प्रताप सिंह |
सचिव |
संख्या-यू.ओ.
1231/11-6-86
प्रतिलिपि निम्नांकित को सूचनार्थ
एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषितः-
1. समस्त मण्ड्लों के आयुक्त, उत्तर प्रदेश।
2. समस्त नगर पालिकाओं के प्रभारी अधिकारी।
3. समस्त नोटीफाइड एरिया/टाउन एरिया के चेयरमैन।
4. परीक्षक स्थानीय निधि लेखा, उ0 प्र0, इलाहाबाद।
5. निदेशक, स्थानीय निकाय, उ0 प्र0, लखनऊ।
6. निदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें, उ0 प्र0, लखनऊ।
7. शिक्षा निदेशक, उ0 प्र0, इलाहाबाद।
8. निदेशक, पशुपालन, उ0 प्र0, लखनऊ।
9. निर्वाचन निदेशक स्थानीय निकाय, उ0 प्र0 लखनऊ।
10. स्वायत्य शासन शाखा के समस्त अनुभाग।
11. सचिवालय के शिक्षा अनुभाग
5/6, सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुभाग/पंचायती राज अनुभाग
1/2
आज्ञा से,
|
ह. |
एस.
एस.
एस.
निगम |
उप सचिव |
|