नियमावली

उत्तर प्रदेश सरकार

नगर विकास अनुभाग-9

संख्या - 1435 / 9-9-2000-63-ज / 95-टी0सी0

लखनऊ:दिनांक 22 अप्रैल,2000

 

अधिसूचना

उत्तर प्रदेश निगम, अधिनियम,1953(उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या-2 सन् 1953)की धारा174, 207-क,221-ख के अधीन शक्ति का प्रयोग करके राज्यपाल निम्नलिखित नियमावली बनाते है जिसे उक्त अधिनियम की धारा 540 की उपधारा(ख) की उपेक्षानुसार सरकारी अधिसूचना संख्या-1763-नौ-9-1999-63-ज/96 टी० सी०, दिनांक 16-6-1999 के अधीन पहले प्रकाशित किया जा चुका है।

उत्तर प्रदेश नगर निगम(सम्पत्ति कर) नियमावली, 2000

  1.
(1)

यह नियमावली, उत्तर प्रदेश नगर निगम(सम्पत्ति कर) नियमावली,2000 कही जायेगी।

(2) यह उत्तर प्रदेश में नगर निगम पर प्रवृत्त होगी लेकिन इसके ऐसे क्षेत्र को जिसे पिछले दस वर्ष के भीतर नगर में सम्मिलित किया गया हो और ऐसा भवन जो 30 वर्ग मीटर के भूखण्ड पर निर्मित किया गया हो, या जिसका कारपेट एरिया पन्द्रह वर्गमीटर तक हो, छोड़कर उत्तर प्रदेश के समस्त निगम पर,  यदि ऐसे भवन के स्वामी के स्वामित्व में नगर में कोई अन्य भवन नहीं हैं लागू होगा।
(3) यह अधिसूचना के गजट में प्रकाशित होने के दिनांक से प्रवृत्त होगी।
  2. इस नियमावली में जब तक कि कोई बात  विषय या सन्दर्भ के प्रतिकूल न हो-
(क)  अधिनियम का तात्पर्य उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम,1953 से है;
(ख)

 भवनों का समूह का तात्पर्य नियम 4 के अधीन उल्लिखित संक्षिप्त नाम विस्तार और प्रारम्भ भवनों के समूह से है;

(ग) भू समूह का तात्पर्य नियम 4 के अधीन उल्लिखित भूमि के समूह से है
(घ) कच्चा भवन से तात्पर्य ऐसे भवन से है जो पक्का भवन नहीं है
(ङ)  अधिसूचक बैंक का तात्पर्य मुख्य नगर अधिकारी द्वारा स्वनिर्धारण विवरण के साथ कर की धनराशि को जामा करने के लिए अधिसूचना बैंक या बैंकों से हैं
(च) सम्पत्ति का तात्पर्य यथास्थिति किसी भवन या भूमि या दोनों से है
(छ) पक्का भवन का तात्पर्य ऐसे भवन जिसकी दीवार ईट या पत्थर या ऐसी किसी अन्य सामग्री से निर्मित हो, से है
(ज)

 स्व- निर्धारण का तात्पर्य किसी स्वामी या अध्यासी द्वारा इस नियमावली से संलग्न प्रपत्र क में दाखिल किये जाने वाले सव:निर्धारण वितरण से है।

  (3)
(1) मुख्य नगर अधिकारी समाचार-पत्रों में एक सूचना प्रकाशित करके सम्पत्ति कर के भुगतान के लिये मुख्यत: दायी स्वामी या अध्यासी से इन नियमावली से संलग्न प्रपत्र ख में यथास्थिति भवन या भूखण्ड के कारपेट एरिया और अन्य क्षेत्रफल के संबंध में प्रत्येक वर्ष एक विवरण और अन्य ब्योरों को इस उद्देश्य से उक्त सूचना में नियत दिनांक तक प्रस्तुत करने की अपेक्षा करेगा।
(2) मुख्य नगर अधिकारी सम्पत्ति के स्वामी या अध्यासी की सुविधा के लिए प्रपत्र ख में विवरण प्रस्तुत करने के लिए नगर के विभिन्न वार्डो के लिये स्थानों को नियत कर सकता है।
(3) ज‍ब कभी स्वामी द्वारा अध्यासी भवन को किराये पर दिया गया हो या इसकी विपरीत हो तो इसके तीन मास के भीतर स्वामी के लिये प्रपत्र ख में एक नया विवरण करना आज्ञापक होगा।
(4) जब कभी भवन के कारपेट एरिया या भूमि के क्षेत्रफल या दोनो में कोई परिवर्धन या कमी की जाती हे तो इसके तीन मास के भीतर, यथास्थिति, स्वामी या अध्यासी के लिए प्रपत्र ख में एक नया विवरण प्रस्तुत करना आज्ञापक होगा।
  4.
 (1)

मुख्य नगर अधिकारी अधिनियम की धरा 174 की उपधारा (1)उपबन्धों के अन्तर्गत न आने वाली सम्पत्ति की अवस्थति का बार्ड वार वर्गीकरण करेगा और तत्पश्चात् प्रत्येक वार्ड के भीतर तीन विभिन्न प्रकार के मार्गो पर सम्पत्ति भवन या भूखण्ड का कारपेट एरिया और अन्य क्षेत्रुफल का विवरण की स्थिति के आधार पर इस वर्गीकृत किया जायेगा, अर्थात

(2) मुख्या नगर अधिकारी, अधिनियम की धारा 174 की उपधारा (1)के खण्ड (क) के उपबन्धों के अन्तर्गत न आने वाले भवनों के निर्माण की प्रकृति का वर्गीकरण निम्नलिखित आधार पर करेगा:-
(क) पक्का भवन आर० सी० सी० छत या आर० बी० छत सहित
(ख) अन्य पक्का भवन,या
(ग) कच्चा भवन अर्थात समस्त अन्य भवन जो कि खण्ड (क) और (ख) में आच्छादित नहीं है।
(3) मुख्य नगर अधिकारी तद्ननुसार  वार्ड में नीचे दर्शाये गये अनुसार सभी भवनों को नौ विभिन्न समूह की अधिकतम संख्या में और सभी रिक्त भूखण्डों के मामलों में तीन विभिन्न समूह की अधिकतम संख्या मे व्यवस्थित करेगा:-
(क) भवन के मामले में निम्नलिखित नौसमूह होंगे:-
(एक) 24 मीटर से अधिक चौड़ाई वाले मार्ग पर स्थित आर.सी.सी.छत सहित पक्का भवन।
(दो)

 12 मीटर से 24 मीटर चौड़ाई वाले मार्ग पर स्थित आर.सी.सी छत सहित पक्का भवन।

(तीन) 12 मीटर से कम चौड़ाई वाले मार्ग पर स्थित पक्का भवन आर.सी.सी छत सहित।
(चार) 24 मीटर से अधिक वाले मार्ग पर स्थित अन्य पक्का भवन।
(पाँच) 12 मीटर से 24 मीटर अधिक चौड़ाई वाले मार्ग पर स्थित अन्य पक्का भवन।
(छ) 12 मीटा से कम चौड़ाई वाले मार्ग पर स्थित अन्य पक्का भवन
(सात) 24 मीटर से अधिक चौड़ाई वाले मार्ग पर स्थित कच्चा भवन।
(आठ) 12 मीटर से 24 मीटर चौड़ाई वाले मार्ग पर स्थित कच्चा भवन।
(नौ) 12 मीटा से कम चौड़ाई वाले मार्ग पर स्थित कच्चा भवन।
(ख) भूमि के मामले में निम्नलिखित तीन समूह होंगे:-
(एक) 24 मीटर से अधिक चौड़ाई वाले मार्ग पर स्थित भूमि।
(दो) 12 मीटर से 24 मीटर तक चौड़ाई वाले मार्ग पर स्थित भूमि।
(तीन) 12 मीटर से कम चौड़ाई वाले मार्ग पर स्थित भूमि।
(4)
(क) मुख्य नगर विकास अधिकारी, वार्ड के भीतर प्रत्येक दो वर्ष में एक बार, यथास्थिति, भवनों के प्रत्येक समूह के लिये कारपेट एरिया की प्रतिवर्गफुट लागू न्यूनतम मासिक किराये की दर निम्न को ध्यान रखते हुये नियत करेगा-
(एक)

भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 के प्रयोजन के लिये कलेक्टर द्वारा निर्धारित सर्किल दर, और

(दो)  ऐसे भवन या भूमि के लिये क्षेत्र में वर्तमान किराये की न्यूनतम दर:

प्रतिबन्ध यह है कि ऐसे मासिक किराये की दर नियत करने के पूर्व मुख्य नगर अधिकारी ऐसी प्रस्तावित दरों को ऐसे नगर में परिचालन वाले दो दैनिक समाचार पत्रों में अधिसूचित करेगा और तत्पश्चात् हितबद्ध व्यक्तियों को आपत्तियां दाखिल करने के लिये न्यूनतम 15दिन का समय देगा। प्राप्त आपत्तियों का बारह भिन्न-भिन्न बण्डल में, यथास्थिति, भवनो के एक समूह या भूमि के एक समूह के लिए प्राप्त आपत्तियों रहेंगीं।सभी आपत्तियों का निस्तारण स्वयं मुख्य नगर अधिकारी द्वारा या मुख्य नगर अधिकारी द्वारा प्राधिकृत किसी अधिकारी द्वारा आपत्तिकर्ताओं की कुल संख्या के कम से कम दस प्रतिशत व्यक्तियों को सुनवाई का अवसर प्रदान करने के पश्चात किया जायगा। यह आवश्यक नहीं होगा कि सभी आपत्तिकर्त्ताओं को यह हितबद्ध व्यक्तियों को व्यक्तिगत रूप से सुना जाय।आपत्तियों को बण्डलवार विनिश्चत किया जायगा।

(ख) खण्ड (क) के अधीन आपत्तियों के विनिश्चत  किये जाने पर मुख्य नगर अधिकारी, ऐसे नगर में परिचालित होने वाले दो दैनिक समाचार पत्रों, यथास्थिति, वार्ड के भीवर भवनों के प्रत्येक समूह के लिये कारपेट एरिया के प्रतिवर्ग फुट पर किराये की न्यूनतम मासिक दर या भूमि के प्रत्येक समूह के लिये क्षेत्र फल के प्रतिवर्ग फुट पर किराये की प्रयोज्य न्यूनतम मासिक लागू दर को अधिसूचित करेगा और तत्पश्चात यह अन्तिम हो जायगी।

भवनों और भूमि की सूची

 

 

 

 

कर की गणना

5. मुख्य नगर अधिकारी, नगर के भीतर अवस्थित भवनों या भूखण्डों या दोनों की एक सूची तैयार करेगा, जिसमें निम्नलिखित समाविष्ट होंगे:-
(क) सम्पत्ति या समूह
(ख) नाम या संख्या या किसी अन्य विनिर्दिष्ट द्वारा जो पहचान के लिये पर्याप्त हो, सम्पत्ति का अभिधान
(ग) स्वामी का नाम,यह उल्लेख करते हुये कि यह स्वामी द्वारा अध्यासित है या यह किराये पर है। यदि किराया पर है तो अध्यासी का नाम।
(घ) (एक) भवन या भूमि के समूह के लिये प्रतिवर्ग फुट किराये की न्यूनतम मासिक दर
(दो)

भवन का कारपेट एरिया या भूमि का क्षेत्र फल या दोनों

(तीन) भवन निर्माण का वर्ष।
(चार) भवन निर्माण की प्रकृति।
( ङ) उस पर निर्धारित कर की धनराशि:-
(एक) सामान्य कर
(दो)

जलकर

(तीन) सीवर व्यवस्था सम्बन्धी कर
(चार) स्व्च्छ कर
(पाँच) कुल धनराशि।
कर का स्वनिर्धारण

 

 

 

 

 

 

 

कर का निर्धारण
शास्ति

 
  1. मुख्य नगर अधिकारी या मुख्य नगर अधिकारी द्वारा प्राधिकृत कोई व्यक्ति सामान्यकर जलकर, जल निस्तारण कर, और स्वच्छता कर की गणना करेगा उसके बाद वह यथास्थिति स्वामी या अध्यासी को एक बिल प्रस्तुत करेगा जिसमें एक दिनांक निर्दिष्ट होगा, जब तक अधिसूचना बैक में कर का भुगतान करना होगा। यदि ऐसे दिनांक तक कर की सम्पूर्ण धनराधि का भुगतान नहीं किया जाता है तो अधिनियम की धारा 221-क में यथा उल्लिखित ब्याज देय होगा।
     
  2. किसी आवासिक भवन के सम्बन्ध में कर के भुगतान के लिये मुख्यत: दायी स्वामी या अध्यासी अधिनियम के उपबन्धों के अनुसार सम्पत्ति कर को स्वत: अवधारित कर सकता है और उसके द्वारा इस प्रकार निर्धारित सम्पत्ति कर को स्वकर निर्धारण विवरण के साथ अधिसूचित बैंक में जमा कर सकता है।
  3.  
    1. निगम, यथास्थिति, भवन या भूमि के प्रस्तुत कारपेट एरिया और अन्रू क्षेत्रफलों के विवरण या स्वकर निर्धारण के विवरणों की कुल संख्या के कम से कम दस प्रतिशत विवरणों की यदा-कदा जांच करेगा और भवन के कारपेट एरिया के किसी भाग या भूमि के क्षेत्रफल के किसी भीग को छिपाने की दशा में दो सप्ताह के भीतर, यथास्थिति, स्वामी या अध्यासी की दशा में दो सप्ताह के भीतर, यथास्थिति स्वामी या अध्यासी को इस आशय का कारण बताओं नोटिस जारी करेगा कि क्यों न नोटिस में विनिर्दिष्ट तथा या तथ्यों को छुपाने के लिये उस पर एक हजार रूपये से अनाधिक की शस्ति आरोपित की जाय।
       
    2.  यथास्थिति, स्वामी या अध्यासी द्वारा दिये जाने वाले किसी स्पष्टीकरण पर विचार करने के पश्चात् ओर ऐसी जांच, जैसी आवश्यक समझी जाए, करने के पश्चात् निगम एक हजार रूपये से अनधिक की शास्ति आरोपित कर सकता है और सम्पत्ति कर की धनराशि के साथ उसे बसूल किये जाने का आदेश दे सकता है।

 

 

मुख्य नगर अधिकारी द्वारा कर जमा करने के लिए निर्धारित नियम दिनांक ...............................................

ढ़. जमा किये गये कर का विवरण

क्रम सं० कर राशि दिनांक चालान संख्या बैंक का नाम

1. सामान्य कर

2. जल कर

3. जल निस्सारण कर

4. स्वच्छता कर

सत्यापन

मैं एतद्द्वारा घोषित करता हूँ कि स्वमूल्यांकन विवरण में प्रस्तुत किये गये ब्यौरे जहॉ तक मेरी जानकारी ओर विश्वास है, ठीक और पूर्ण है।

हस्ताक्षर --------------------------

स्थायी पता-------------------------

दिनांक

अनुप्रमाणक साक्षी

हस्ताक्षर ----------------------------

नाम --------------------------------

पिता-माता का नाम -----------------

पूरा पता ---------------------------
 

 

प्रपत्र - "ख"

(नियम 3 देखिये)

भवन के कारपेट एरिया या भूमि के क्षेत्र के सम्बन्ध में सूचना प्रदान करने के लिये

क. (एक) स्वामी/अध्यासी का नाम ......................................

(दो) स्वामी/अध्यासी के पिता का नाम ...............................

(तीन) भवन/मकान/भूखण्ड संख्या ........................................

(चार) भवन/भूखण्ड की अवस्थिति का पता .........................

(पांच) स्वामी/अध्यासी का अस्थायी पता .............................

(छ) स्वामी/अध्यासी का स्थायी पता ...................................

ख. निम्नलिखित का भवन सम्बन्धी ब्यौरा ........................

(एक) समस्त कमरों ओर आच्छादित बरामदों ...................

का आन्तरिक आयाम (वर्ग फुट में)

(दो) समस्त बालकनी, कारीडर, रसोई और ...........................

(तीन) समस्त गैराज का आन्तरिक आयाम .......................

(वर्ग फुट में)

टिप्पणी :- स्नानगृह, शौचालय, पोर्टिको और जीने द्वारा आच्छादित क्षेत्र कारपेट ऐरिया का भाग नहीं होगा।

ग. भवन का कारपेट एरिया :-

त्र ख (एक) + 1/2 ख (दो) + 1/4 ख (तीन)

घ. (एक) भूमि का क्षेत्रफल जिस पर भवन निर्मित है (वर्ग फुट में) ....................................................

(दो)  भूमि का क्षेत्रफल, यदि उस पर कोई भवन निर्मित न हो (वर्ग फुट में) .............................................

ङ (क) भवन अवस्थित है

(i)  24 मीटर से अधिक की चौड़ाई वाले मार्ग पर

(ii) 12 मीटर से 24 मीटर तक की चौड़ाई वाले मार्ग पर

(iii) 12 मीटर से कम चौड़ाई वाले मार्ग पर

(ख) भवन के निर्माण की प्रकृति

(i) पक्का भवन, आर०स०स० छत या आर०बी०सी० छत सहित

(ii)अन्य पक्का भवन

(iii) कच्चा भवन अर्थात् समस्त अन्य भवन जो (एक) और (दो) में आच्छादित नहीं है।

(ग) भूमि (यदि भूमि पर कोई भवन  निर्मित नहीं है) अवस्थित है

(i) 24 मीटर से अधिक की चौड़ाई वाले मार्ग पर

(ii) 12 मीटर से 24 मीटर तक की चौड़ाई वाले मार्ग पर

(iii) 12 मीटर से कम चौड़ाई वाले मार्ग पर

टिप्पणी :- कृपया उपर्युक्त (एक), (दो) या तीन के खाने में जो भी सही हो उसमें सही निशान लगायें।

घ. भवन या भूमि स्वामी द्वारा अध्यासित है या किराये पर है। कृपया उनमें से किसी एक का उल्लेख करें।

टिप्पणी :- यदि एक वर्ष से की अवधि से खाली है तो उसे स्वामी द्वारा अध्यासित समझा जायगा। यदि वह एक वर्ष से अधिक की अवधि से खाली है तो उसे "खाली" उल्लिखित किया जायगा।

छ. भवन के निर्माण का वर्ष .....................................

सत्यापन

मैं एतद्द्वारा घोषित करता हूँ कि स्वमूल्यांकन विवरण में प्रस्तुत किये गये ब्यौरे जहाँ तक मेरी जानकारी और विश्वास है, ठीक और पूर्ण है।

हस्ताक्षर --------------------------

स्थायी पता-------------------------

दिनांक

अनुप्रमाणक साक्षी

हस्ताक्षर ----------------------------

नाम --------------------------------

पिता-माता का नाम -----------------

पूरा पता ---------------------------

 

 अभिस्वीकृति

जिस व्यक्ति से प्रपत्र "ख" प्राप्त किया उसका विवरण नीचे दिया गया है।

(एक) स्वामी/अध्यासी का नाम ......................................

(दो) स्वामी/अध्यासी के पिता का नाम ...............................

(तीन) भवन/मकान/भूखण्ड संख्या ........................................

(चार) भवन/भूखण्ड की अवस्थिति का पता .........................

(पांच) स्वामी/अध्यासी का अस्थायी पता .............................

(छ) स्वामी/अध्यासी का स्थायी पता ...................................

(छ) स्वामी/ अध्यासी का नाम ............................................

हस्ताक्षर -----------------------

दिनांक नाम---------------------

पदनाम ------------------------

आज्ञा से

प्रारम्भ